tag:blogger.com,1999:blog-3343673594958119497.post8660580832864877121..comments2023-08-22T11:22:46.179-07:00Comments on कथायात्रा: ज़हर की जड़ें/बलराम अग्रवालबलराम अग्रवालhttp://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3343673594958119497.post-59463444933379704882009-03-28T06:46:00.000-07:002009-03-28T06:46:00.000-07:00लघुकथा भारतीय समाज में चली आ रही बहुत पुरानी कुप्...लघुकथा भारतीय समाज में चली आ रही बहुत पुरानी कुप्रथा -दहेज प्रथा पर चोट करती है। पर क्या है भाई, लघुकथा का अन्त शुरूआत में ही पता चल जाता है कि यही होगा।सुभाष नीरवhttps://www.blogger.com/profile/03126575478140833321noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3343673594958119497.post-41006550896723670122009-03-27T22:39:00.000-07:002009-03-27T22:39:00.000-07:00आपका अंदाज़ बहुत प्रभावशाली हैआपका अंदाज़ बहुत प्रभावशाली हैआदर्श राठौरhttp://www.pyala.tknoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3343673594958119497.post-9925620363172098442009-03-27T22:35:00.000-07:002009-03-27T22:35:00.000-07:00आपका अंदाज़ बहुत प्रभावशाली है।आपका अंदाज़ बहुत प्रभावशाली है।पत्रकारhttps://www.blogger.com/profile/00366898211270456587noreply@blogger.com